18 मार्च को कई जिलों में आयोजन हुए, जिसमें महिला शिक्षा, सशक्तीकरण और कामयाबी पर चर्चा की गई। महिलाओं के कानूनों और अधिकारों पर बात की गई तो बेटियों को लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने को प्रेरित किया गया। इस दौरान अपराजिता शपथ पत्र भरे गए और नारी गरिमा को बनाए रखने का संकल्प लिया गया।
खुद अपनी सुरक्षा करें : सीतापुर। सेल्फ डिफेंस सीखना आज छात्राओं की सबसे बड़ी जरूरत है। इसका लाभ हर लड़की तक पहुंचना चाहिए। वोडाफोन सखी के सहयोग से छात्राओं के लिए स्टडी वेल स्कूल में एनसीसी कैडेट्स ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण में गुर सीखे। इस दौरान कहा गया कि आत्मरक्षा का अभ्यास होने से बालिकाओं में एक नए आत्मविश्वास का संचार होता है। छात्राओं ने भी पूरे उत्साह के साथ ट्रेनिंग ली।
फास्ट फूड खाने से बचें, व्यायाम करें : सिद्धार्थनगर। अइसा गर्ल्स कॉलेज में स्वास्थ्य की पाठशाला का आयोजन किया गया। महिला चिकित्सक डॉ. कमर हफीज ने कहा कि मौजूदा समय में चिंता से लोग खुद को बीमार बना रहे हैं। दूसरी ओर फास्ट फूड खाने की आदत लोगों और बीमारी की ओर धकेल रही है। इसलिए फिट रहने के लिए जीवन में बदलाव जरूरी है। इसके लिए योग करें और दिनचर्या में बदलाव लाएं। सही व संतुलित खानपान का भी ध्यान रखें।
बेटियों को पढ़ाकर बनाएं कामयाब : रायबरेली। बेटियों को यदि पूर्ण रूप से सशक्त बनाना है तो केवल शिक्षा के बारे में ही नहीं, उसके कॅरिअर को लेकर भी काम करना होगा। सरेनी ब्लॉक के शिव मेमोरियल पब्लिक स्कूल में आयोजित वीमेन काउंसलिंग वर्कशॉप में तरक्की के रास्ते खोजने की सीख दी गई। प्रबंधक, प्राचार्य और शिक्षकों ने कहा कि बेटियां लगन और मेहनत के बलबूते हर मुकाम हासिल कर सकती हैं। इसके लिए बेटियों में आत्मविश्वास होना जरूरी है।
आत्मरक्षा के लिए आत्मविश्वास जरूरी : सुल्तानपुर। आत्मरक्षा के लिए आत्मविश्वास भी जरूरी है। लड़कियां विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत से काम लें। अपराधियों से डरें नहीं, उनका मुकाबला करें और जरूरत पड़ने पर पुलिस को सूचना दें। गौरीगंज के शिव महेश बालिका इंटर कॉलेज में आयोजित सेल्फ डिफेंस कार्यशाला में छात्राओं से यह बात कही गई। इस दौरान छात्राओं को जूडो कराटे के खिलाड़ियों ने सुरक्षा के टिप्स दिए।
बालिका शिक्षा से आएगा समाज में बदलाव : गोंडा। बालिकाओं की शिक्षा से ही समाज में बदलाव आ सकता है। इसी से बेटियों और महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को मिटाया जा सकता है। इसलिए शिक्षा ही सामाजिक परिवर्तन का मूल आधार है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोकलपुर में आयोजित एजुकेशन वर्कशॉप में शिक्षिकाओं ने यह बात कही। इस दौरान छात्राओं को शैक्षणिक गतिविधियों के टिप्स दिए गए।
होली संग मतदान का संदेश : नैनीताल। होली का उत्सव मनाने के साथ ही हर व्यक्ति के साथ खुशियां बांटें। कुछ ऐसे ही संदेश के साथ हल्द्वानी के गौलापार नैब में महिलाओं ने दृष्टि बाधित बच्चों के साथ होली मनाई। इस दौरान महिलाओं को मतदान का महत्व भी समझाया गया। साथ ही उन्हें वोट डालने के लिए जागरूक किया गया। सभी ने वोट देने का संकल्प लिया।
हर क्षेञ में आगे है महिलाएं: उधम सिंह नगर। आज महिलाएं हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। आगे बढ़ रही हैं, तरक्की कर रही हैं। उनका साथ दें और आगे बढ़ाते रहें। सितारगंज में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने महिलाओं से यह बात कही। इस दौरान वक्ताओं ने महिला अधिकार, सरकारी योजनाओं, महिला सशक्तीकरण, कानूनी अधिकार, सुरक्षा व सम्मान पर विस्तार से जानकारी दी व जागरूक किया। कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न गांवों की थारू जनजाति की ग्रामीण महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
होली पर खतरनाक रंगों से बचें : नैनीताल। होली रंगों का त्योहार हैं, लेकिन एक छोटी सी गलती इस त्योहार के रंग में भंग डाल देती है। इस त्योहार के अच्छे और खुशी से मनाएं और किसी को भी केमिकल न लगाएं। इससे त्वचा को नुकसान के साथ ही और भी कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। हल्द्वानी में आयोजित सेहत की पाठशाला में डॉ. अर्चना सिंह(स्त्री रोग विशेषज्ञ विवेकानंद हॉस्पिटल), डॉ साधना अवस्थी (एसोसिएट प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज) ने यह बात कही। डॉक्टरों ने स्त्री रोग, बचाव, सावधानी और उपचार के बारे में जानकारी दी। कई महिलाओं ने भी बीमारियों से जुड़े सवाल किए।
प्रशिक्षण से बेटियों को मिलेगी सुरक्षा : श्रावस्ती। बेटियों की सुरक्षा के लिए उन्हें आत्मरक्षा का गुर सीखना आवश्यक है। ताकि आवश्यकता पडऩे पर वह आत्मरक्षा के लिए खुद का बचाव करने के साथ ही सामने वाले को पटखनी दे सके। वोडाफोन सखी के सहयोग से कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हरिहरपुररानी की छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाया जा रहा है। प्रशिक्षकों द्वारा उन्हें जूडो कराटे सहित सेल्फ डिफेंस के पैतरों की जानकारी दी जा रही है। इस प्रशिक्षण में छात्राएं बढ़ चढ़कर प्रतिभाग कर रही हैं। कार्यक्रम का संचालन कर रहे सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक अजीत उपाध्याय का मानना है कि सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण बेटियों के लिए तरक्की के साथ उनकी सुरक्षा ढाल भी बनेगा।
कमजोर इच्छाशक्ति है प्रगति में बाधक : अंबेडकरनगर। महिलाओं की प्रगति में सबसे बड़ी बाधक है कमजोर इच्छाशक्ति। इसे दूर करना होगा। यह बात ताइक्वाण्डो प्रशिक्षक अवधेश मिश्र ने आरबी पटेल इंटर कॉलेज मोहनपुर गिरंट में वोडाफोन सखी के सहयोग से आयोजित सेल्फ डिफेंस वर्कशॉप में कही। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर महिलाओं में जागरुकता बढ़ी है। वे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रही हैं, लेकिन अभी भी तमाम महिलाओं के भीतर उस इच्छाशक्ति का अभाव है, जिसके बूते वे सफलता के नए नए मापदंड स्थापित कर सकती हैं। छात्राओं से आह्वान किया गया कि वे मजबूत हौसलों के साथ आगे बढ़ें। प्रशिक्षक रजत मौर्य व रामजीवन ने युवतियों से कहा कि उन्हें आत्मरक्षा का सामान्य प्रशिक्षण जरूर लेना चाहिए। ऐसा होने पर वे किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति के दौरान असुविधा से बच सकती हैं।
खत्म होगा असुरक्षा का डर : लखनऊ। जैसे हर लड़की के लिए शिक्षा जरूरी है, ठीक वैसे ही सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण भी हर लड़की के लिए अनिवार्य होना चाहिए। इससे न केवल उनके मन से असुरक्षा का डर खत्म होगा, बल्कि उनका मनोबाल और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। गोमती नगर स्थित टीडी गर्ल्स इंटर कॉलेज में आयोजित सेल्फ डिफेंस की प्रशिक्षण कार्यशाला में छात्राओं में यही भाव देखने को मिले। छात्राओं ने पूरे जोश व लगन के साथ आत्मरक्षा के दांवपेच सीखे। कार्यशाला में छात्राओं ने विशेषज्ञों से आत्मरक्षा के कई टिप्स जाने और उनका अभ्यास भी किया। इस अवसर पर प्रबंधक महादेव प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य लक्ष्मी सिंह समेत कॉलेज का स्टाफ मौजूद रहा। विशेषज्ञ मोहम्मद सूफियान और शुभम कुमार कुशवाहा ने छात्राओं को हैंड ग्रिप, बैक ग्रिप, जैसी परिस्थितियों से निपटने के साथ ही हथेली, उंगली, कोहनी, घुटने और पुश किक का प्रशिक्षण दिया।